राष्ट्रवादी इतिहासकार ----यदुनाथ सरकार
राष्ट्रवादी इतिहासकार ----यदुनाथ सरकार
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10 दिसम्बर 1870-19 मई 1958
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भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार यदुनाथ सरकार का जन्म राजशाही ( बांग्लादेश ) के करछमरिया नामक गांव में .. कायस्थ परिवार में हुआ था ।
वे सन् 1917 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर रहे , किन्तु अगले वर्ष ही रेवेशा कॉलेज , उत्कल चले गये । सन् 1919 में ब्रिटिश सरकार ने इन्हें भारतीय शिक्षा सेवा में नियुक्त किया । अवकाश ग्रहण करने के बाद दो वर्ष के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय के अवैतनिक उपकुलपति रहे ।
... सन् 1929 ब्रिटिश सरकार ने उन्हें “ सर ' की उपाधि प्रदान की ।
यदुनाथ सरकार की पहली पुस्तक ' इंडिया ऑफ औरंगजेब , टोपोग्राफी , स्टेटिस्टिक्स एण्ड रोड्स ' सन् 1901 ई . में प्रकाशित हुई तथा इसी क्रम में सन् 1919 ई . में दो खण्डों में प्रकाशित पुस्तक "हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब" इतिहास लेखन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है ...इस पुस्तक का पांचवा तथा अंतिम खण्ड सन् 1928 ई . में छपा ।
इनका शोध ग्रंथ 'शिवाजी एण्ड हिज टाइम्स ' भी सन् 1919 ई . में प्रकाशित हुआ जिसमें फारसी , मराठी , राजस्थानी और यूरोपीय भाषाओं में उपलब्ध सामग्री का सावधानी से उपयोग कर यदुनाथ सरकार ने ऐतिहासिक खोज का महत्वपूर्ण कार्य किया और मूलभूत स्रोतों के आधार पर शोध करने की परंपरा को दृढ़ किया । विशेष रूप से जयपुर राज्य में सुरक्षित फारसी अखबार और अन्य अभिलेखों की ओर इतिहासकारों का ध्यान आकर्षित करने और उनको शोध कार्य के लिए उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कार्य यदुनाथ सरकार ने किया ।
यदुनाथ सरकार ने मध्यकालीन भारतीय इतिहास में विशेष रूप से औरंगजेब कालीन शोध प्रकाशित किये ।
4 भागों में -- "मुगल साम्राज्य का पतन "," मुगलशासन" ( 1925 ) ' एवं ' ए शार्ट हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब ",बिहार एण्ड उड़ीसा ड्यूरिंग द फॉल ऑफ द मुगल एम्पायर ' सन् 1932 ई . में प्रकाशित हुई एवं सन् 1940 ई . में" हाउस ऑफ शिवाजी" की रचना की गई जिसमें यदुनाथ सरकार ने शिवाजी एवं मराठा शक्ति का वर्णन किया है ।
इनकी... "मिलिटरी हिस्ट्री ऑफ इंडिया" सन् 1960 ई . में प्रकाशित हुई ।
"हिस्ट्री ऑफ बंगाल", "इण्डिया आफ्टर इण्डिपेन्डेन्स" --भी इनकी अन्य रचनाएं हैं।
इसके साथ - साथ जयपुर महाराजा सवाई मानसिंह ( द्वितीय ) के आग्रह पर इन्होंने जयपुर राज्य का इतिहास" द हिस्ट्री ऑफ जयपुर "की रचना की ।
आधुनिक काल के इतिहासकारों में विशेषकर उत्तर मध्यकालीन भारत का यदुनाथ सरकार ने जितना अच्छा अध्ययन करके प्रस्तुत किया उतना उनके बाद देखने को नहीं मिला..।
.अद्यतन इनकी पुण्यतिथि होने के साथ ही...इस वर्ष 150वीं जयन्ती भी है..इस अवसर पर ..... इतिहास का विद्यार्थी..उनको ..उनके कार्यों को स्मरण कर..स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करता है।
...इनका इतिहास लेखन मौलिक स्रोतों पर ही आधारित रहा है तथा इन पर आशीर्वाद लाल श्रीवास्तव ने प्रशस्ति में लिखा है-- कि वे भारत के महान इतिहासकार थे और उन्होंने मध्यकालीन भारत पर निष्ठापूर्वक कार्य किया है ।
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